Teachers Recruitment परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 19 फरवरी 2024 थी। इस परीक्षा के लिए 1.50 लाख शिक्षकों ने आवेदन किया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में कम है। पिछले वर्ष 2.50 लाख शिक्षकों ने आवेदन किया था। इस साल 2 लाख शिक्षकों ने परीक्षा का बहिष्कार किया है।
बहिष्कार करने वाले शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा का सिलेबस बहुत कठिन है और परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया है। वे यह भी मांग कर रहे हैं कि परीक्षा को स्थगित किया जाए और सिलेबस को सरल बनाया जाए।
सरकार का कहना है कि परीक्षा का सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है और परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। सरकार ने परीक्षा को स्थगित करने या सिलेबस को सरल बनाने से इनकार कर दिया है।
परीक्षा 26 फरवरी से 59 विषयों में आयोजित की जाएगी। परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा।
बहिष्कार करने वाले शिक्षकों का कहना है कि:
- परीक्षा का सिलेबस बहुत कठिन है और परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया है।
- परीक्षा शुल्क बहुत अधिक है।
- परीक्षा केंद्र बहुत दूर हैं।
- परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए आरक्षण नीति में बदलाव किया जाना चाहिए।
सरकार का कहना है कि:
- परीक्षा का सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है।
- परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया गया है।
- परीक्षा शुल्क उचित है।
- परीक्षा केंद्र सभी जिलों में स्थापित किए गए हैं।
- आरक्षण नीति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
यह देखना बाकी है कि सरकार और शिक्षकों के बीच इस गतिरोध का क्या समाधान निकलता है।
इस मुद्दे पर कुछ लोगों की राय:
- एक शिक्षक का कहना है, “परीक्षा का सिलेबस बहुत कठिन है। मैं पिछले कई महीनों से तैयारी कर रहा हूं, लेकिन मुझे अभी भी विश्वास नहीं है कि मैं परीक्षा में उत्तीर्ण हो पाऊंगा।”
- एक अन्य शिक्षक का कहना है, “परीक्षा शुल्क बहुत अधिक है। मैं एक गरीब परिवार से आता हूं और मेरे लिए परीक्षा शुल्क का भुगतान करना मुश्किल है।”
- एक अभिभावक का कहना है, “शिक्षकों का बहिष्कार मेरे बच्चों की शिक्षा को प्रभावित करेगा। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान करे।”
- शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों की संख्या में कमी आई है।
- 2 लाख शिक्षकों ने परीक्षा का बहिष्कार किया है।
- सरकार और शिक्षकों के बीच गतिरोध है।
- बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो सकती है।
सुझाव:
- सरकार को शिक्षकों की मांगों पर विचार करना चाहिए।
- परीक्षा का सिलेबस सरल बनाया जाना चाहिए।
- परीक्षा की तैयारी के लिए शिक्षकों को अधिक समय दिया जाना चाहिए।
- सरकार और शिक्षकों के बीच बातचीत के माध्यम से इस गतिरोध का समाधान निकाला जाना चाहिए।
यह मुद्दे शिक्षा प्रणाली के लिए गंभीर चिंता का विषय है। सरकार और शिक्षकों को इस मुद्दे का समाधान जल्द से जल्द ढूंढना चाहिए ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो।
Teachers Recruitment निष्कर्ष
शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 19 फरवरी 2024 थी। इस परीक्षा के लिए 1.50 लाख शिक्षकों ने आवेदन किया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में कम है। पिछले वर्ष 2.50 लाख शिक्षकों ने आवेदन किया था। इस साल 2 लाख शिक्षकों ने परीक्षा का बहिष्कार किया है।
बहिष्कार करने वाले शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा का सिलेबस बहुत कठिन है और परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया है। वे यह भी मांग कर रहे हैं कि परीक्षा को स्थगित किया जाए और सिलेबस को सरल बनाया जाए।
सरकार का कहना है कि परीक्षा का सिलेबस राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है और परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। सरकार ने परीक्षा को स्थगित करने या सिलेबस को सरल बनाने से इनकार कर दिया है।
यह देखना बाकी है कि सरकार और शिक्षकों के बीच इस गतिरोध का क्या समाधान निकलता है।
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